لاسلطوية · فوضوي · ثائِر على السُلْطة · فوْضوِيّ · نصِير الفوْضى
تعرف اللاسلطوية عمومًا بأنها فلسفة سياسية تتهم الدولة باللاأخلاقية، أو بدلًا من ذلك تعارض السلطة في تسيير العلاقات الإنسانية.






无政府主义 · 无政府主义者 · 安那其主义 · 无政府制 · 无政府社会
无政府主义(英语:Anarchism),又译作安那其主义,是一门政治理念及运动,其反对所有强制性的阶级制度。





anarchist · nihilist · syndicalist · anarchism · Anarchist Organisations
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Anarchisme · anarchiste · Anarchistes · Mouvement anarchiste · Anarchie politique
L'anarchisme regroupe plusieurs courants de philosophie politique développés depuis le XIXe siècle sur un ensemble de théories et de pratiques anti-autoritaires basées sur la démocratie directe et ayant la liberté individuelle comme valeur fondamentale.




Anarchismus · Anarchist · Anarchisten · Anarchistin · Anarchistisch
Anarchismus ist eine politische Ideenlehre und Philosophie, die Herrschaft von Menschen über Menschen und jede Art von Hierarchie als Form der Unterdrückung von Freiheit ablehnt.


Αναρχισμός · αναρχικός · Αναρχία · Αναρχία και μαρξισμός · Αναρχισμός και μαρξισμός
O αναρχισμός είναι ένα ιδεολογικό πολιτικό και κοινωνικό κίνημα.






אנרכיזם · אנרכיסט · אנרכיסטים · אנארכיזם
אָנַרְכִיזְם הוא מושג כללי המתייחס למגוון פילוסופיות פוליטיות התומכות ביצירת חברה המבוססת על מוסדות התנדבותיים, בביטול מוסד המדינה ולעיתים גם בביטול כלל המבנים ההיררכיים בחברה.






अराजकतावाद · अराजकता
अराजकतावाद एक राजनीतिक दर्शन है, जो स्वैच्छिक संस्थानों पर आधारित स्वाभिशासित समाजों की वक़ालत करता है। इनका वर्णन अक्सर राज्यहीन समाजों के रूप में होता है, यद्यपि कई लेखकों ने इन्हें अधिक विशिष्टतापूर्वक अपदानुक्रमिक मुक्त संघों पर आधारित संस्थानों के रूप में परिभाषित किया हैं। अराजकतावाद के मतानुसार राज्य अवांछनीय, अनावश्यक और हानिकारक हैयह राजनीति विज्ञान की वह विचारधारा है जिसमें राज्य की उपस्थिति को अनावश्यक माना जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार किसी भी तरह की सरकार अवांछनीय है। इसमें साधारणतः यह तर्क दिया जाता है कि मनुष्य मूलतः विवेकशील, निष्कपट और न्यायपरायण प्राणी है। अतः यदि समाज सही ढंग से संगठित हो तो किसी प्रकार के बल प्रयोग की आवश्यकता ही नहीं रहेगी। ऐसी स्थिति में राज्य की उपस्थिति स्वतः अप्रासंगिक हो जायगी। == परिचय == राज्य के नियंत्रण से पूरी तरह स्वतंत्र समाज की पैरोकारी करने वाला विचार अराजकतावाद कहलाता है। यह अवधारणा किसी भी तरह के सरकारी, व्यापारिक, औद्योगिक, वाणिज्यिक, धार्मिक, शैक्षिक या पारिवारिक नियंत्रण को अस्वीकार करती है। अराजकतावाद का विश्वास है कि मानवीय प्रकृति स्वतंत्रता, न्याय और ख़ुशहाली के लिए ही बनी है। मानव-समाज बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के शांति, सहकार और उत्पादन के साथ रहने में सक्षम है; और मनुष्य अपना शासन स्वयं कर सकता है। अराजकतावादियों के मुताबिक ऐसा समाज बनाना कठिन नहीं है जिसमें व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकतम होगी, भौतिक वस्तुओं का समान बँटवारा होगा और आपसी सलाह-सुमति के साथ सभी लोग व्यक्तिगत और सामाजिक ज़िम्मेदारियों को लेंगे। अराजकतावादी चिंतन का इतिहास प्राचीन काल के यूनानी दार्शनिकों तक जाता है। स्टोइक चिंतक, ख़ास तौर से ज़ेनो इसके लिए मशहूर हैं। आधुनिक युग में अराजकतावाद की सबसे महत्त्वपूर्ण व्याख्या करने श्रेय गॉडविन की 1793 में प्रकाशित कृति 'ऐन इनक्वारी कंसर्निंग पॉलिटिकल जस्टिस ऐंड इट्स इनक्रलुएंस ऑन जनरल वर्चू ऐंड हैपीनैस' को जाता है। लेकिन ख़ुद को अराजकतावादी कहने वाले पहले दार्शनिक उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्ध में सक्रिय रहे फ़्रांसीसी चिंतक पिएर जोसेफ़ प्रूधों थे। जहाँ तक लक्ष्यों और कल्पनाशीलता का सवाल है, अराजकतावादियों में मतैक्य दिखता है। पर अपने ख़यालों की दुनिया को धरती पर उतारने के प्रश्न पर उनके बीच मतभेद पाये जाते हैं। मोटे तौर पर अराजकतावादियों की चार धाराएँ पायी जाती हैं : व्यक्तिवादी, परस्परतावादी, सामूहिकतावादी और साम्यवादी। जर्मनी के निहिलिस्ट दार्शनिक मैक्स स्टर्नर को अराजकतावादी व्यक्तिवाद का प्रमुख चिंतक माना जाता है। इस विचार के मुताबिक व्यक्ति और उसकी सम्प्रभुता पूरी तरह से अनुलंघनीय रहनी चाहिए। स्टर्नर कहते हैं कि व्यक्ति को ईश्वर, राज्य या किसी भी नैतिकता की परवाह किये बिना अपनी मर्ज़ी से पहलकदमी ले कर सक्रिय रहने का अधिकार दिया जाना अनिवार्य है। हालाँकि इस किस्म के अराजकतावादी लेन-देन और समझौता के ज़रिये सामाजिक संबंध बनाने की वकालत करते हैं, पर व्यक्ति की निजता की बेतहाशा और अहंवादी पैरोकारी करने के कारण उनके कार्यक्रम की व्यावहारिकता काफ़ी कम हो जाती है। उन्नीसवीं सदी में अमेरिकी अराजकतावादी जोसैया वारेन ने इस तरह के अराजकतावाद के आर्थिक बंदोबस्त का एक खाका पेश करने की कोशिश की। उन्होंने मेहनत के घंटों का भंडार करने वाले ‘टाइम स्टोर्स’ की स्थापना की। उनकी तजवीज़ थी कि श्रम की मुद्रा के ज़रिये लोगों के बीच समतामूलक वाणिज्य हो सकता है। अमेरिकी अराजकतावादियों ने बाज़ार आधारित अर्थव्यवस्था की कड़ी आलोचना की। उन्होंने, विशेषकर लायसेंडर स्पूनर ने अमेरिकी संविधान पर ज़बरदस्त आक्रमण करते हुए उस समझौतापरक सिद्धांत की ख़ामियों को दिखाया जिसे राज्य की संस्था का आधार माना जाता है। व्यक्तिवादी अराजकतावाद की प्रेरणाएँ बीसवीं सदी में पनपे स्वतंत्रतावाद के विचार में ढूँढ़ी जा सकती हैं। सामूहिकतावादी अराजकतावाद के प्रमुख चिंतक बकूनिन माने जाते हैं। सामूहिकतावादियों को न तो प्रूधों द्वारा की गयी छोटे किसानों और कारीगरों की तरफ़दारी पसंद थी और न ही वे कार्ल मार्क्स द्वारा प्रवर्तित समाजवादी विचार के समर्थक थे। मार्क्स के कम्युनिज़म को अधिनायकवादी करार देने वाला यह विचार एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता है जिसमें मज़दूर संगठित हो कर पूँजी को अपने हाथ में ले लेंगे। संगठित मज़दूरों के हाथ में ही उत्पादन के साधन रहेंगे। सामूहिक फ़ैसले के आधार पर आमदनी का वितरण होगा। जो जितना श्रम करेगा उसका हिस्सा भी उतना ही बड़ा होगा। परस्परतावादी अराजकतावाद व्यक्तिवाद और सामूहिकतावाद बीच रास्ता था जिसके सूत्रीकरण का श्रेय प्रूधों को जाता है। प्रूधों ने सम्पत्ति और कम्युनिज़म के बीच तालमेल बैठाते हुए एक ऐसी आर्थिक प्रणाली की वकालत की जिसके तहत व्यक्ति को निजी या सामूहिक तौर पर अपने उत्पादन के साधनों का मालिक होने का अधिकार तो होगा, पर उसे उजरत अपने श्रम के मुताबिक ही मिलेगी ताकि समाज में समानता कायम रखी जा सके। इस अर्थव्यवस्था में विनिमय इस नैतिक मूल्य पर आधारित था कि व्यक्ति केवल उतना ही माँगेगा जितना वह स्वयं देने के लिए तैयार हो। प्रूधों ने उत्पादकों को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण देने वाले बैंकों की स्थापना का प्रस्ताव भी किया। इसमें कोई शक नहीं कि प्रूधों के आर्थिक प्रयोग कामयाब नहीं हुए, पर उनके फ़्रांसीसी अनुयायियों ने पहले कम्युनिस्ट इंटरनैशनल की शुरुआत पर अपना प्रभाव छोड़ा। बाद में सामूहिकतावादियों ने उन्हें किनारे धकेल दिया। साम्यवादी अराजकतावाद यह मान कर चलता है कि कम्युनिज़म की स्थापना के लिए राज्य की संस्था अनावश्यक है। प्रिंस क्रोपाटकिन इस धारा के प्रमुख दार्शनिक थे। उनका कहना था कि मनुष्य परस्पर एकता और सहयोग के नैसर्गिक गुणों सम्पन्न है जिनके प्रभाव में सम्पत्ति संबंधी विभेद अपने-आप ख़त्म होते चले जाएँगे। समाज का हर व्यक्ति शामलाती संसाधनों का इस्तेमाल करेगा। मज़दूरों की स्वयंसेवी एसोसिएशनें आपूर्ति सम्बन्धी ज़रूरतों के हिसाब से उत्पादन-प्रक्रिया का नियोजन करेंगी। कम्यून अपने सदस्यों की आवश्यकताओं की शिनाख्त करेगा जिससे माँग तय होगी। कम्यूनों का आपसी महासंघ होगा जो सड़कें बनाने, रेलवे प्रणाली और अन्य सम्पर्क-संचार की सुविधाओं की फ़िक्र करेगा। लोगों को काम करने के लिए भौतिक प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं होगी। निजी सम्पत्ति की ग़ैर-मौजूदगी के तहत समाज में अपराधियों से निबटने के लिए अनौपचारिक तौर-तरीके अपनाये जाएँगे और कानून की दमनकारी मशीनरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। साम्यवादी अराजकतावादियों का ख़याल था कि जब तक निजी सम्पत्ति पर आधारित विभेदों को ख़त्म करने लायक मानवीय एकता नहीं बन जाती, तब तक सामूहिकतावादी नज़रिया अपनाया जा सकता है। उन्नीसवीं शताब्दी का बौद्धिक-राजनीतिक इतिहास मार्क्सवादियों और अराजकतावादियों के बीच बहस से भरा हुआ है। अराजकतावादी चाहते थे कि राज्य की संस्था को फ़ौरन मंसूख करने की तजवीज़ की जानी चाहिए, पर मार्क्सवादी राज्य को ख़त्म करने के पक्षधर होते हुए भी पहले मज़दूरों के राज्य की स्थापना करना चाहते थे। अराजकतावादियों का कहना था कि सर्वहारा का राज्य भी कुल मिला कर विषमता और उत्पीड़न का माध्यम बन जाएगा। बकूनिन तो समाजवादी राज्य को एक फ़ौजी बैरक की संज्ञा देते थे जिसमें लोग नगाड़े की आवाज पर सोएंगे, जागेंगे और श्रम करेंगे। यह एक ऐसा राज्य होगा जिसमें चालाक और शिक्षित लोग सरकारी सुविधाएँ भोगेंगे। 1846 में अपनी रचना दर्शन की दरिद्रता के ज़रिये मार्क्स ने प्रूधों की कड़ी आलोचना की। प्रथम कम्युनिस्ट इंटरनैशनल में जब बकूनिनपंथियों ने प्रूधों के अनुयायियों को पराजित कर दिया तो उन्हें मार्क्स के अनुयायियों से लोहा लेना पड़ा। इस संघर्ष के परिणामस्वरूप 1872 में इंटरनैशनल टूट गया। राज्य की संस्था की मुख़ालफ़त करने के कारण अराजकतावादी किसी भी तरह के संसदीय विचार के भी ख़िलाफ़ रहते हैं। वे चुनावों भाग नहीं लेते। समाज के क्रांतिकारी रूपांतरण में विश्वास के कारण ज्यादातर अराजकतावादी सभी तरह के प्राधिकार और आर्थिक संस्थाओं के ख़िलाफ़ जन-विद्रोह की अपील करने का कार्यक्रम पेश करते हैं। चूँकि उनकी योजना में किसी बड़े प्राधिकार की गुंजाइश नहीं है, इसलिए वे स्वतःस्फूर्त और स्थानीय स्तर की छोटी-छोटी बग़ावतों की रणनीति अपनाने की वकालत करते हैं। साम्यवादी अराजकतावाद ने उन्नीसवीं सदी के आख़िरी सालों में व्यक्तिगत स्तर पर आतंकवादी कार्रवाइयों की मुहिम भी चलाई जिसके तहत राजनेताओं और प्रमुख उद्योगपतियों की हत्याएँ भी की गयीं। उन्नीसवीं सदी में स्पेन, इटली, बेल्जियम और फ़्रांस में अराजकतावादी काफ़ी सक्रिय थे। अमेरिका में १९०५ में फ़्रांस के अनारको-सिंडिकलिज़म से प्रेरित टे्रड यूनियन आंदोलन भी चला। बीसवीं सदी में साठ और सत्तर के दशक में बौद्धिक हलकों में अराजकतावादी विचार की साख बढ़ती हुई दिखायी दी। पॉल गुडमेन और डेनियल गुइरिन ने शिक्षा और सामुदायिकता के क्षेत्र में अराजकतावादी हस्तक्षेप किये। आजकल अराजकतावादी सिद्धांत का कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखायी देता। लेकिन, इस सर्वसत्तावाद, अधिनायकवाद और निरंकुशता के आलोचकों के तर्कों में इस सिद्धांत की आहटें सुनी जा सकतीं हैं। समाजवादी विचार परम्परा में अराजकतावाद किसी न किसी रूप में हमेशा मौजूद रहता है। उदारतावादियों को अभिव्यक्ति की आज़ादी से संबंधित अपने ढुलमुलपन से मुक्त करने में भी अराजकतावाद की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। शांतिवाद के तहत सभी तरह की हिंसा से मुक्ति के आग्रह में भी इस विचार की प्रेरणाएँ रही हैं। स्वतंत्रतावाद के विचार पर तो अराजकतावाद की छाप स्पष्ट है ही, पर्यावरणवादी आंदोलन ने भी अपने कई आग्रह उससे प्राप्त किये हैं। == निजी स्वामित्व का नकार == टुटपुंजिया बुर्जुआ सामाजिक-राजनीतिक धारा जो समस्त सत्ता तथा राज्य की शत्रु है, लघु निजी स्वामित्व तथा लघु कृषक अर्थव्यवस्था के हितों को बड़े पैमाने के उत्पादन आधारित समाज की प्रगति के मुक़ाबले रखती है। अधिकांश अराजकतावादी निजी स्वामित्व को समाप्त करना चाहते हैं और उसकी जगह समस्त सम्पत्ति पर सामुदायिक स्वामित्व स्थापित करने का समर्थन करते हैं। सिद्धांततः अराजकतावाद को मुख्यतः आदर्शवादी यूटोपिया तथा वस्तुवादी साम्यवाद के रूप में व्यवहृत किया जाता है। == यूटोपियाई अराजकतावाद == यूटोपियाई अराजकतावाद की नींव है व्यक्तिवाद, आत्मवाद तथा संकल्पवाद। इस शाखा के प्रमुख उन्नायकों में श्मिड्ट, प्रूंदों तथा बाकूनिन का नाम उल्लेखनीय है। यह सिद्धांत १९ वीं सदी के दौरान फ्रांस, इटली तथा स्पेन में व्यापक रूप में प्रचलित था। वह शोषण के विरुद्ध नैतिक शक्ति तथा हृदय परिवर्तन सदृश युक्तियों का प्रतिपादन करता है। किंचित अर्थों में गांधी भी इसी वर्ग के विचारकों में माने जाते हैं। == साम्यवादी अराजकतावाद == मार्क्स-एंगेल्स द्वारा प्रतिपादित साम्यवादी अराजकतावाद, शोषण के विरुद्ध यूटोपियाई आदर्शवादी युक्तियों से इतर शोषण के भौतिक कारणों की पड़ताल करता है तथा समाजवादी क्रांति संभव करने के प्रेरक बल के रूप में वर्ग संघर्ष की समझ का वैज्ञानिक प्रतिपादन करता है। सर्वहारा वर्ग द्वारा राजनीतिक सत्ता को जीतने की आवश्यकता की अराजकतावादियों द्वारा अस्वीकृति मज़दूर वर्ग को बुर्जुआ राजनीति के मातहत रखने का वस्तुपरक ढंग से हितसाधन करती है। साम्यवादी अराजकतावाद राज्य के तात्कालिक उल्मूलन की माँग करता है। वह क्रांति के लिए सर्वहारा वर्ग को तैयार करने के लिए बुर्जुआ राज्य की संस्थाओं के उपयोग की संभावनाओं को स्वीकार नहीं करते तथा समाज के समाजवादी पुनर्निर्माण में राज्य की भूमिका से इनकार करते हैं। == इन्हें भी देखें == अराजकता == सन्दर्भ == == बाहरी कड़ियाँ == Essays on Anarchism ANARCHISM: WHAT IT REALLY STANDS FOR ANARCHY.1.










anarchico · Anarchismo · libertario · nichilista · nihilista
Sostenitore della dottrina dell'anarchia
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アナキズム · アナーキスト · 無政府主義者 · アナキスト · アナルキスム



Анархизм · анархичный · Анархист · Anarchia · Анархистка




anarquista · Anarquismo · sindicalista · anarco · nihilista
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