واجب · إِلْتِزام · مسْئُولِيّة · وَاجِب · وَاجِب
الواجب هو مصطلح يحمل معنى الالتزام الأخلاقي أو التعهد والالتزام لشخص ما بشيء ما.
义务 · 责任 · 任务 · 勤务 · 义务


















duty · responsibility · obligation · Duties · Ethical duty
The social force that binds you to the courses of action demanded by that force
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devoir · obligation · responsabilité · service
Devoir est un verbe et un substantif.










Pflicht · Verantwortung · Zuständigkeit · Verpflichtung · Obligatorium
Der Begriff der Pflicht, alternativ auch ein Sollen oder Müssen genannt, bezeichnet eine Aufgabe, Forderung oder Anforderung, die jemandem aus prinzipiellen, persönlichen, situativen oder sozialen Gründen erwächst und deren Erfüllung er sich nicht entziehen kann.
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καθήκον · υποχρέωση · ευθύνη · αρμοδιότητα
Πράξεις που γίνονται ως υποχρέωση, η υποχρέωση για το τί πρέπει να κάνει κανείς, που πηγάζει από τη συνείδηση, την κοινωνία, την πολιτεία κ.τ.λ.










חובה (אתיקה) · חובה · מְחֻיָּבוּת
कर्तव्य · कृत्य · डयुटी
सामान्यत: कर्त्तव्य शब्द का अभिप्राय उन कार्यों से होता है, जिन्हें करने के लिए व्यक्ति नैतिक रूप से प्रतिबद्ध होता है। इस शब्द से वह बोध होता है कि व्यक्ति किसी कार्य को अपनी इच्छा, अनिच्छा या केवल बाह्य दबाव के कारण नहीं करता है अपितु आंतरिक नैतिक प्ररेणा के ही कारण करता है। अत: कर्त्तव्य के पार्श्व में सिद्धांत या उद्देश्य के प्ररेणा है। उदाहरणार्थ संतान और माता-पिता का परस्पर संबंध, पति-पत्नी का संबध, सत्यभाषण, अस्तेय आदि के पीछे एक सूक्ष्म नैतिक बंधन मात्र है। कर्त्तव्य शब्द में "कर्म' और "दान' इन दो भावनाओं का सम्मिश्रण है। इस पर नि:स्वार्थता का अस्फुट छाप है। कर्त्तव्य मानव के किसी कार्य को करने या न करने के उत्तरदायित्व के लिए दूसरा शब्द है। कर्त्तव्य दो प्रकार के होते हैं- नैतिक तथा कानूनी। नैतिक कर्त्तव्य वे हैं जिनका संबंध मानवता की नैतिक भावना, अंत:करण की प्रेरणा या उचित कार्य की प्रवृत्ति से होता है। इस श्रेणी के कर्तव्यों का सरंक्षण राज्य द्वारा नहीं होता। यदि मानव इन कर्त्तव्यों का पालन नहीं करता तो स्वयं उसका अंत:करण उसको धिक्कार सकता है, या समाज उसकी निंदा कर सकता है किंतु राज्य उन्हें इन कर्त्तव्यों के पालन के लिए बाध्य नहीं कर सकता। सत्यभाषण, संतान संरक्षण, सद्व्यवहार, ये नैतिक कर्त्तव्यों के उदाहरण हैं। कानूनी कर्त्तव्य हैं जिनका पालन न करने पर नागरिक राज्य द्वारा निर्धारित दंड का भागी हो जाता है। इन्हीं कर्त्तव्य का अध्ययन राजनीतिक शास्त्र में होता है। हिंदू राजनीति शास्त्र में अधिकारों का वर्णन नहीं है। उसमें कर्तव्यों का ही उल्लेख हुआ है। कर्तव्य ही नीतिशास्त्र के केंद्र हैं। == अधिकार और कर्तव्य == अधिकार और कर्तव्य का बड़ा घनिष्ठ संबंध है। वस्तुत: अधिकार और कर्तव्य एक ही पदार्थ के दो पार्श्व हैं। जब हम कहते हैं कि अमुक व्यक्ति का अमुक वस्तु पर अधिकार है, तो इसका दूसरा अर्थ यह भी होता है कि अन्य व्यक्तियों का कर्तव्य है कि उस वस्तु पर अपना अधिकार न समझकर उसपर उस व्यक्ति का ही अधिकार समझें। अत: कर्तव्य और अधिकार सहगामी हैं। जब हम यह समझते हैं कि समाज और राज्य में रहकर हमारे कुछ अधिकार बन जाते हैं तो हमें यह भी समझना चाहिए कि समाज और राज्य में रहते हुए हमारे कुछ कर्तव्य भी हैं। अनिवार्य अधिकारों का अनिवार्य कर्तव्यों से नित्यसंबंध है। फ्रांस के क्रांतिकारियों ने लोकप्रिय संप्रभुता के सिद्धांत को संसार में प्रसारित किया था। समता, स्वतंत्रता, भ्रातृत्व, ये क्रांतिकारियों के नारे थे ही। जनसाधारण को इनका अभाव खटकता था, इनके बिना जनसाधारण अत्याचार का शिकार बन जाता है। आधुनिक संविधानों ने नागरिकों के मूल अधिकारों की घोषणा के द्वारा उपर्युक्त राजनीतिदर्शन को संपुष्ट किया है। मनुष्य की जन्मजात स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान की गई है, स्वतंत्र जीवनयापन के अधिकार और मनुष्यों की समानता को स्वीकार किया है। आज ये सब विचार मानव जीवन और दर्शन के अविभाज्य अंग हैं। आधुनिक संविधान निर्माताओं ने नागरिक के इन मूलअधिकारों को संविधान में घोषित किया है। भारतीय गणतंत्र संविधान ने भी इन्हें महत्वपूर्ण स्थान दिया है। सी.डी.
dovere · obbligo · responsabilità · debito · impegno
Vincolo, magari non dichiarato ma evidente, a fare qualcosa.
義務 · 勤め · 役目 · 服務 · 不作為義務








Долг (философия) · ответственность · обя́занность
Долг — внутренне принимаемое обязательство, «обязанность человека, освящённая его совестью».










deber · obligación · responsabilidad · compromiso · cometido
La deuda es una categoría elaborada por el antropólogo francés Pierre Clastres,[1][2][3] según la cual las sociedades primitivas imponen una deuda permanente a su líder o jefe tribal, de manera tal que le es imposible transformar el prestigio otorgado por la sociedad en poder separado de esta.






