برج إيفل · بُرْج إِيفِل · برج ايفل · Eiffel Tower · Tour Eiffel
برج إيفل هو برج حديدي يبلغ ارتفاعه 324 مترا، يوجد في باريس، في أقصى الشمال الغربي لحديقة شامب-دي-مارس، بالقرب من نهر السين.
艾菲尔铁塔 · 埃菲尔铁塔 · 艾菲尔铁塔 · Eiffel Tower · 埃菲尔塔
艾菲尔铁塔(法语:La Tour Eiffel,也常称为巴黎铁塔)是位于法国巴黎战神广场的铁制镂空塔,世界着名建筑,也是法国文化象征之一,巴黎城市地标之一,巴黎最高建筑物,得名自其设计师居斯塔夫・埃菲尔,属于世界建筑史上的技术杰作。
Eiffel Tower · The Eiffel Tower · Tour Eiffel · EiffelTower · La tour Eiffel
A wrought iron tower 300 meters high that was constructed in Paris in 1889; for many years it was the tallest man-made structure
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tour Eiffel · Dame de fer · La Tour Eiffel · Histoire Synthétique De La Tour Eiffel · Ressources documentaires sur la tour Eiffel
La tour Eiffel est une tour de fer puddlé de 324 mètres de hauteur située à Paris, à l’extrémité nord-ouest du parc du Champ-de-Mars en bordure de la Seine dans le 7e arrondissement.
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Eiffelturm · Tour Eiffel · Eiffel-Turm · Tour de Eiffel
Πύργος του Άιφελ
Ο πύργος του Άιφελ είναι το σήμα κατατεθέν της πόλης του Παρισιού.
מגדל אייפל · Tour Eiffel · מגדל איפל
एफिल टॉवर · आइफ़िल टावर · एफ़िल टावर · एफिल टावर
एफ़िल टॉवर फ्रांस की राजधानी पैरिस में स्थित एक लौह टावर है। इसका निर्माण १८८७-१८८९ में शैम्प-दे-मार्स में सीन नदी के तट पर पैरिस में हुआ था। यह टावर विश्व में उल्लेखनीय निर्माणों में से एक और फ़्रांस की संस्कृति का प्रतीक है। एफ़िल टॉवर की रचना गुस्ताव एफ़िल के द्वारा की गई है और उन्हीं के नाम पर से एफ़िल टॉनर का नामकरन हुआ है। एफ़िल टॉवर की रचना १८८९ के वैश्विक मेले के लिए की गई थी। जब एफ़िल टॉवर का निर्माण हुआ उस वक़्त वह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी। आज की तारीख में टॉवर की ऊँचाई ३२४ मीटर है, जो की पारंपरिक ८१ मंज़िला इमारत की ऊँचाई के बराबर है। बग़ैर एंटेना शिखर के यह इमारत फ़्रांस के मियो शहर के फूल के बाद दूसरी सबसे ऊँची इमारत है। यह तीन मंज़िला टॉवर पर्यटकों के लिए साल के ३६५ दिन खुला रहता है। यह टॉवर पर्यटकों द्वारा टिकट खरीदके देखी गई दुनिया की इमारतों में अव्वल स्थान पे है। अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ताज महल जैसे भारत की पहचान है, वैसे ही एफ़िल टॉवर फ़्रांस की पहचान है। == इतिहास == १८८९ में, फ़्रांसीसी क्रांति के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर, वैश्विक मेले का आयोजन किया गया था। इस मेले के प्रवेश द्वार के रूप में सरकार एक टावर बनाना चाहती थी। इस टावर के लिए सरकार के तीन मुख्य शर्तें थीं : टावर की ऊँचाई ३०० मिटर होनी चाहिए टावर लोहे का होना चाहिए टावर के चारों मुख्य स्थंभ के बीच की दूरी १२५ मिटर होनी चाहिए।सरकार द्वारा घोषित की गईं तीनों शर्तें पूरी की गई हो ऐसी १०७ योजनाओं में से गुस्ताव एफ़िल की परियोजना मंज़ूर की गई। मौरिस कोच्लिन और एमिल नुगिएर इस परियोजना के संरचनात्मक इंजिनियर थे और स्ठेफेंन सौवेस्ट्रे वास्तुकार थे। ३०० मजदूरों ने मिलके एफ़िल टावर को २ साल, २ महीने और ५ दिनों में बनाया जिसका उद्घाटन ३१ मार्च १८८९ में हुआ और ६ मई से यह टावर लोगों के लिए खुला गया। [1] हालाँकि एफ़िल टावर उस समय की औद्योगिक क्रांति का प्रतीक था और वैश्विक मेले के दौरान आम जनता ने इसे काफी सराया, फिर भी कुछ नामी हस्तियों ने इस इमारत की आलोचना की और इसे "नाक में दम" कहके बुलाया। उस वक़्त के सभी समाचार पत्र पैरिस के कला समुदाय द्वारा लिखे गए निंदा पत्रों से भरे पड़े थे। विडंबना की बात यह है की जिन नामी हस्तियों ने शुरुआती दौर में इस टावर की निंदा की थी, उन में से कई हस्तियाँ ऐसी थीं जिन्होंने बदलते समय के साथ अपनी राय बदली। ऐसी हस्तियों में नामक संगीतकार शार्ल गुनो जिन्होंने १४ फ़रवरी १८८७ के समाचार पत्र "Le Temps " में एफ़िल टावर को पैरिस की बेइज़त्ति कहा था, उन्होंने बाद में इससे प्रेरित होकर एक "concerto " की रचना की।[2] शुरुआती दौर में एफ़िल टावर को २० साल की अवधि के लिए बनाया गया था जिसे १९०९ में नष्ट करना था। लेकिन इन २० साल के दौरान टावर ने अपनी उपयोगिता वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में साबित करने के कारण आज भी एफ़िल टावर पैरिस की शान बनके खड़ा है। प्रथम विश्व युद्ध में हुई मार्न की लड़ाई में भी एफ़िल टावर का बख़ूबी इस्तेमाल पैरिस की टेक्सियों को युद्ध मोर्चे तक भेजने में हुआ था। == आकार == एफ़िल टावर एक वर्ग में बना हुआ है जिसके हर किनारे की लंबाई १२५ मीटर है। ११६ ऐटेना समेत टावर की ऊँचाई ३२४ मीटर है और समुद्र तट से ३३,५ मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। === भूमितल === टावर के चारों स्तंभ चार प्रमुख दिशाओं में बने हुए हैं और उन्हीं दिशाओं के अनुसार स्तंभों का नामकरण किया गया है जैसे कि ः उत्तर स्तंभ, दक्षिण स्तंभ, पूरब स्तंभ और पश्चिम स्तंभ। फ़िलहाल, उत्तर स्तम्भ, दक्षिण स्तम्भ और पूरब स्तम्भ में टिकट घर और प्रवेश द्वार है जहाँ से लोग टिकट ख़रीदार टावर में प्रवेश कर सकते हैं। उत्तर और पूरब स्तंभों में लिफ्ट की सुविधा है और दक्षिण स्तम्भ में सीढ़ियां हैं जो की पहेली और दूसरी मंज़िल तक पहुँचाती हैं। दक्षिण स्तम्भ में अन्य दो निजी लिफ्ट भी हैं जिनमें से एक सर्विस लिफ्ट है और दूसरी लिफ्ट दूसरी मंज़िल पर स्थित ला जुल्स वेर्नेस नामक रेस्टोरेंट के लिए है। munendra kumar panday === पहली मंज़िल === ५७ मीटर की ऊंचाई पर स्थित एफ़िल टावर की प्रथम मंज़िल का क्षेत्रफल ४२०० वर्ग मीटर है जोकि एक साथ ३००० लोगों को समाने की क्षमता रखता है। मंज़िल की चारों ओर बाहरी तरफ एक जालीदार छज्जा है जिसमें पर्यटकों की सुविधा के लिए पैनोरमिक टेबल ओर दूरबीन रखे हुए हैं जिनसे पर्यटक पैरिस शहर के दूसरी ऐतिहासिक इमारतों का नज़ारा देख सकते हैं। गुस्ताव एफ़िल की ओर से श्रद्धांजलि के रूप में पहली मंज़िल की बाहरी तरफ १८ वीं और १९ वीं सदी के महान वैज्ञानिकों का नाम बड़े स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है जो नीचे से दिखाई देता है। बच्चों के लिए एक फ़ॉलॉ गस नामक प्रदर्शनी है, जिसमें खेल-खेल में बच्चों को एफ़िल टावर के बारे में जानकारी दी जाती है। बड़ों के लिए भी कई तरह के प्रदर्शनों का आयोजन होता है जैसे कि : तस्वीरों का, एफ़िल टावर का इतिहास और कभी-कभी सर्दियों में आइस-स्केटिंग भी होती है। कांच की दीवार वाला 58 Tour Eiffel नामक रेस्टोरेंट भी है, जिनमें से पर्यटक खाते हुए शहर की खूबसूरती का लुत्फ़ उठा सकते हैं। साथ में एक कैफ़ेटेरिया भी है जिसमें ठंडे-गरम खाने पीने की चीजें मिलती हैं। === दूसरी मंज़िल === ११५ मी.
torre Eiffel · Tour Eiffel · Eiffel Tower
La torre Eiffel è il monumento più famoso di Parigi, conosciuto in tutto il mondo come simbolo della città stessa e della Francia.
エッフェル塔 · エッフェルタワー · Eiffel Tower
Эйфелева башня · Э́йфелева ба́шня · Eiffel Tower
torre Eiffel · Tour Eiffel · Torre Eifel
La torre Eiffel[3], inicialmente llamada la tour de 300 mètres, es una estructura de hierro pudelado diseñada por los ingenieros Maurice Koechlin y Émile Nouguier, dotada de su aspecto definitivo por el arquitecto Stephen Sauvestre y construida por el ingeniero francés Alexandre Gustave Eiffel y sus colaboradores para la Exposición Universal de 1889 en París.[4] Situada en el extremo del Campo de Marte a la orilla del río Sena, este monumento parisino, símbolo de Francia y de su capital, es la estructura más alta de la ciudad y el monumento que cobra entrada más visitado del mundo, con 7,1 millones de turistas cada año.[5] Con una altura de 300 metros, prolongada más tarde con una antena hasta los 324 metros, la torre Eiffel fue la estructura más elevada del mundo durante 41 años.[6] Fue construida en dos años, dos meses y cinco días, y en su momento generó cierta controversia entre los artistas de la época, que la veían como un monstruo de hierro.[7] Tras finalizar su función como parte de las Exposiciones Universales de 1889 y 1900, fue utilizada en pruebas del ejército francés con antenas de comunicación,[8] y hoy en día sirve, además de atractivo turístico, como emisora de programas radiofónicos y televisivos.[9].