النسبية الخاصة · نظرية النسبية الخاصة · Special relativity · الميكانيكا النسبية · النسبيه الخاصه
النسبية الخاصة ، أو نظرية اللاتغير كما كان يسميها أينشتاين، وهي التسمية الأكثر دقة، هي نظرية فيزيائية للقياس في إطار مرجعي عطالي اقترحها ألبرت أينشتاين عام 1905 في مقال بعنوان "On the Electrodynamics of Moving Bodies " ، كبديل عن نظرية نيوتن في الزمان والمكان لتحل بشكل خاص مشاكل النظرية القديمة فيما يتعلق بالأمواج الكهرومغناطيسية عامة، والضوء خاصة.
狭义相对论 · 特殊相对论 · 狭意相对论 · 狭相 · 狭义相对论
狭义相对论(英语:Special relativity)是由爱因斯坦、洛仑兹和庞加莱等人创立的,应用在惯性参考系下的时空理论,是对牛顿时空观的拓展和修正。
special relativity · special theory of relativity · Einstein's special theory of relativity · special relativity theory · Introduction to special relativity
A physical theory of relativity based on the assumption that the speed of light in a vacuum is a constant and the assumption that the laws of physics are invariant in all inertial systems
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relativité restreinte · Espace Compact En Relativité · Théorie de la relativité restreinte · Espace compact en relativite · Relativite restreinte
La relativité restreinte est la théorie élaborée par Albert Einstein en 1905 en vue de tirer toutes les conséquences physiques de la relativité galiléenne et du principe selon lequel la vitesse de la lumière dans le vide a la même valeur dans tous les référentiels galiléens, ce qui était implicitement énoncé dans les équations de Maxwell.
Spezielle Relativitätstheorie · SRT · Zur Elektrodynamik bewegter Körper
Die spezielle Relativitätstheorie ist eine physikalische Theorie über die Bewegung von Körpern und Feldern in Raum und Zeit.
ειδική σχετικότητα · ειδική θεωρία σχετικότητας · Ειδική Θεωρία της Σχετικότητας
Θεωρία της φυσικής σύμφωνα με την οποία η ταχύτητα του φωτός είναι ίδια σε όλα τα αδρανειακά συστήματα αναφοράς και ότι οι νόμοι της φύσης είναι ίδιοι για όλα τα αδρανειακά συστήματα αναφοράς
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תורת היחסות הפרטית · אנרגיה יחסותית · יחסות פרטית · תורת היחסות המיוחדת
תורת היחסות הפרטית היא תאוריה פיזיקלית, מהפכנית בזמנה, שפורסמה על ידי אלברט איינשטיין בשנת 1905.
विशिष्ट आपेक्षिकता
विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धांत अथवा आपेक्षिकता का विशिष्ट सिद्धांत गतिशील वस्तुओं में वैद्युतस्थितिकी पर अपने शोध-पत्र में अल्बर्ट आइंस्टीन ने १९०५ में प्रस्तावित जड़त्वीय निर्देश तंत्र में मापन का एक भौतिक सिद्धांत दिया। गैलीलियो गैलिली ने अभिगृहीत किया था कि सभी समान गतियाँ सापेक्षिक हैं और यहाँ कुछ भी निरपेक्ष नहीं है तथा कुछ भी विराम अवस्था में भी नहीं है, जिसे अब गैलीलियो का आपेक्षिकता सिद्धांत कहा जाता है। आइंस्टीन ने इस सिद्धांत को विस्तारित किया, जिसके अनुसार प्रकाश का वेग निरपेक्ष व नियत है, यह एक ऐसी घटना है जो माइकलसन-मोरले के प्रयोग में हाल ही में दृष्टिगोचर हुई थी। उन्होने एक अभिगृहीत यह भी दिया कि यह सभी भौतिक नियम, यांत्रिकी व स्थिरवैद्युतिकी के सभी नियमों, वो जो भी हों, समान रहते हैं। इस सिद्धांत के परिणामों की संख्या वृहत है जो प्रायोगिक रूप से प्रेक्षित हो चुके हैं, जैसे- समय विस्तारण, लम्बाई संकुचन और समक्षणिकता। इस सिद्धांत ने निश्चर समय अन्तराल जैसी अवधारणा को बदलकर निश्चर दिक्-काल अन्तराल जैसी नई अवधारणा को जन्म दिया है। इस सिद्धांत ने क्रन्तिकारी द्रव्यमान-ऊर्जा सम्बन्ध E=mc2 दिया, जहां c निर्वात में प्रकाश का वेग है, यह सूत्र इस सिद्धांत के दो अभिगृहीतों सहित अन्य भौतिक नियमों का सयुंक्त रूप से व्युत्पन है। आपेक्षिकता सिद्धांत की भविष्यवाणियाँ न्यूटनीय भौतिकी के परिणाम को सहज ही उल्लेखित करते हैं, विशेषतः जब प्रेक्षणिय वस्तु का वेग, प्रकाश के वेग की तुलना में नगण्य हो। विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार प्रकाश का वेग c किसी परिकल्पना का वेग मात्र नहीं है जैसे विद्युतचुम्बकीय विकिरण का वेग बल्कि समष्टि व समय के एकीकरण का दिक्-काल के रूप में करने के लिए एक मूलभूत लक्षण है। इस सिद्धांत का एक परिणाम यह भी है कि ऐसी कोई भी वस्तु अथवा कण जिसका विराम द्रव्यमान शून्य नहीं है किसी भी परिस्थिति में प्रकाश के वेग तक त्वरित नहीं किया जा सकता। इस सिद्धांत को विशिष्ट कहने का कारण यह है कि यह सिद्धांत केवल जड़त्वीय निर्देश तंत्रों में ही लागू होता है। इसके कुछ वर्षों पश्चात् सामान्य आपेक्षिकता नामक व्यापक सिद्धांत दिया गया, जो व्यापक निर्देशांकों पर कार्य करता है और इससे गुरुत्वाकर्षण समझने में भी सहायता मिलती है। == अभिगृहीत == आइन्सटीन ने दो मूलभूत प्रस्ताव दिए जो सबसे अधिक सही प्रतीत होते हैं, जो तत्कालीन यांत्रिकी और विद्युत्गातिकी के नियमों की परिपूर्ण वैधता की अनदेखी करके दिए गये। यह प्रस्ताव प्रकाश के वेग पर निर्भर और भौतिक नियमो व जड़त्वीय निर्देश तंत्र से स्वतंत्र थे। उन्होंने १९०५ में अपनी प्रथम प्रस्तुति में इन अभिग्रिहितों का उल्लेख किया आपेक्षिकता का सिद्धांत - भौतिक घटनाएँ एक जड़त्वीय निर्देश तंत्र से दूसरे में जाने पर परिवर्तित नहीं होती चाहे वो एक दूसरे के सापेक्ष किसी नियत वेग से गतिशील क्यों ना हों। प्रकाश के वेग की निश्चरता का सिद्धांत - "...प्रकाश हमेशा खाली समष्टि में वेग c से संचारित होता है जो उत्सर्जन पिण्ड की गति पर निर्भर नहीं करता। अर्थात प्रकाश का निर्वात में वेग c होता है जो निर्देश तंत्र पर निर्भर नहीं करता।विशिष्ट आपेक्षिकता की व्युत्पत्ति न केवल उपरोक्त दो अभिगृहीतों पर है बल्कि समष्टि की समदैशिकता व समरूपता, छड़ मापन की स्वतंत्रता और अपने अतीत के इतिहास से घड़ियाँ सहित विभिन्न निहित परिकल्पनाओं पर निर्भर करती है।विशिष्ट आपेक्षिकता पर १९०५ में आइन्सटीन की मूल प्रस्तुति के अनुसार, विभिन्न परिवर्ती व्युत्पन विधियों द्वारा प्राप्त विभिन्न अभिगृहीत दिए जा चुके हैं। == निरपेक्ष निर्देश तंत्र का अभाव == विशिष्ट आपेक्षिकता सिद्धांत के अनुसार कोई भी निर्देश तंत्र निरपेक्ष नहीं होती। पृथ्वी पर स्थिर निर्देश तंत्र जड़त्वीय निर्देश तंत्र नहीं है क्योंकि यह पृथ्वी की घूर्णन गति के साथ यह भी घूर्णन करता है। एक जड़त्वीय निर्देश तंत्र के सापेक्ष नियत वेग से गतिशील निर्देश तंत्र भी जड़त्वीय होता है। अतः निरपेक्ष जड़त्वीय निर्देश तंत्र की परिकल्पना निराधार है। == निर्देश तंत्र, निर्देशांक और लोरेन्ज रूपान्तरण == माना निर्देश तंत्र S में दिक्-काल निर्देशांक हैं और निर्देश तंत्र S′ में निर्देशांक हैं। तब लोरेन्ज रूपांतरण के अनुसार इन निर्देशांकों को निम्न सम्बन्धों द्वारा ज्ञात किया जा सकता है : t ′ = γ x ′ = γ y ′ = y z ′ = z, {\displaystyle {\begin{aligned}t'&=\gamma \\x'&=\gamma \\y'&=y\\z'&=z,\end{aligned}}} जहाँ γ = 1 1 − v 2 c 2 {\displaystyle \gamma ={\frac {1}{\sqrt {1-{\frac {v^{2}}{c^{2}}}}}}} लोरेन्ज गुणक है और c निर्वात में प्रकाश का वेग है और निर्देश तंत्र S′ का वेग v x-अक्ष के समान्तर है। y और z निर्देशांक प्रभावित नहीं हैं; केवल x और t निर्देशांकों का स्थानान्तरण होता है। यहाँ x-अक्ष में कुछ विशेष नहीं है, स्थानान्तरण y अथवा z अक्षों पर भी लागू हो सकता है, अथवा किसी भी दिशा में जो दिशा गति की दिशा के समान्तर और लम्बवत हो। एक राशि जो लोरेन्ज रूपांतरण में निश्चर रहती है लोरेन्ज निश्चर कहलाती है। भिन्न निर्देशांकों में लोरेन्ज रूपांतरण और इसके व्युत्क्रम लिखने पर, जहाँ एक एक घटना के निर्देशांक और हैं तथा दूसरी घटना के निर्देशांक और तब उनके अन्तराल निम्न तरह से परिभाषित किये जाते हैं : Δ x ′ = x 2 ′ − x 1 ′ Δ x = x 2 − x 1 Δ t ′ = t 2 ′ − t 1 ′ Δ t = t 2 − t 1 {\displaystyle {\begin{array}{ll}\Delta x'=x'_{2}-x'_{1}\,&\Delta x=x_{2}-x_{1}\,\\\Delta t'=t'_{2}-t'_{1}\,&\Delta t=t_{2}-t_{1}\,\\\end{array}}} अतः हम लिख सकते हैं Δ x ′ = γ Δ x = γ Δ t ′ = γ Δ t = γ.
Relatività ristretta · relatività speciale · teoria della relatività ristretta · teoria della relatività speciale · meccanica relativistica
La teoria della relatività ristretta, sviluppata da Albert Einstein nel 1905, è una riformulazione ed estensione delle leggi della meccanica.
特殊相対性理論 · 光速度不変の原理 · 光速度不変の法則 · 特殊相対性原理 · 特殊相対論
специальная теория относительности · специа́льная тео́рия относи́тельности · ча́стная тео́рия относи́тельности · Релятивистская динамика · Релятивистские эффекты
Специа́льная тео́рия относи́тельности — теория, описывающая движение, законы механики и пространственно-временные отношения при произвольных скоростях движения, меньших скорости света в вакууме, в том числе близких к скорости света.
relatividad especial · teoría especial de la relatividad · Teoría de la relatividad especial · equivalencia masa-energia · equivalencia masa-energía
La teoría de la relatividad especial, también llamada teoría de la relatividad restringida, es una teoría de la física publicada en 1905 por Albert Einstein.